
Madhya Pradesh Corona Update: कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का बढ़ता खतरा, राज्य में मिले 421 मरीज, दवा न इंजेक्शन
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर के बीच अब अब ब्लैक फंगस (Black fungus) का तेजी से खतरा बढ़ रहा है
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर के बीच अब अब ब्लैक फंगस (Black fungus) का तेजी से खतरा बढ़ रहा है. राज्य में फिलहाल ब्लैक फंगस के केस सामने आए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैक फंगस के 421 मरीजों का फिलहाल प्रदेश में इलाज चल रहा है. सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में हैं. इंदौर में 124, भोपाल में 115, जबलपुर में 55, बड़वानी में 50, ग्वालियर में 26, उज्जैन में 18 मरीज भर्ती हैं.
ब्लैक फंगस के संक्रमण को रोकने के लिए मरीजों को दवाईयों की भारी किल्लत चल रही है. ब्लैक फंगस से कई लोगों की मौत भी होक चुकी है. ब्लैक फंगस से हो रही मौतों के मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार से 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है.
ब्लैक फंगस के लिए भी बाजार में नहीं मिल रही इंजेक्शन और दवाईंयां
कोरोना के इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत के बाद अब ब्लैक फंगस के इलाज में जरूरी एंफोटेरिसिन- बी लाइपोसोमेल इंजेक्शन की भारी हो रही है.डॉक्टरों के मुताबिक, ब्लैक फंगस के मरीज को एक दिन में चार डोज लगते हैं. शुरुआत में 7 दिन तक इंजेक्शन लगना जरूरी है. एक इंजेक्शन की कीमत 5 से 7 हजार रुपए है. लेकिन यह इंजेक्शन मार्केट में उपलब्ध नहीं है. शासन ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर के लिए 2000 इंजेक्शन मंगाए हैं.
ब्लैक फंगस से हो रही मौतों के बाद मानवाधिकार आयोग ने 10 दिन में मांगी रिपोर्ट
ब्लैक फंगस से हो रही मौतों के मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार से 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है.
मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कहा कि भोपाल के सरकारी और निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं. वहीं अब तक कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है. राज्य मानव अधिकार आयोग ने कहा कि एंफोटेरिसिन- बी लाइपोसोमेलइंजेक्शन की कमी बनी हुई है. मानवाधिकार आयोग ने नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य के प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल को तलब किया है. ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज़ों के लिये जरूरी दवाइयों की व्यवस्था करने के लिए कहा है. आयोग ने 10 दिवस में शासन से जवाब मांगा है.
‘ब्लैक फंगस से पीड़ित पति के लिए इंजेक्शन नहीं मिला तो जान दे दूंगी’, महिला ने जारी किया वीडियो
उधर, ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) संक्रमण के कारण यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती 40 वर्षीय व्यक्ति की पत्नी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर वीडियो जारी किया. महिला ने वीडियो में धमकी दी कि अगर उसके पति को आज जरूरी इंजेक्शन नहीं मिले, तो वह इसी अस्पताल की छत से कूदकर जान दे देगी.
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. महिला इसमें कहती सुनाई पड़ रही है, ‘मैं बॉम्बे हॉस्पिटल से बोल रही हूं. मरीज (महिला का 40 वर्षीय पति) की आंख में दर्द हो रहा है. उसका पूरा जबड़ा दर्द कर रहा है. वह मेरे पति हैं और ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भर्ती हैं. मैं इस हालत में उन्हें कहां लेकर जाऊंगी? इंजेक्शन (एम्फोटेरिसिन-बी) अस्पताल में नहीं मिल रहे हैं और (अस्पताल के) बाहर भी नहीं मिल रहे हैं.’
परेशान महिला ने वीडियो में भावुक लहजे में कहा, ‘अब मेरे पास क्या रास्ता होना चाहिए? मैं अपने पति को तिल-तिल तड़पते नहीं देख सकती. आप बताइए कि मुझे आगे क्या करना है? अगर मुझे आज इंजेक्शन नहीं मिलते हैं, तो मैं हॉस्पिटल की छत से कूदकर आत्महत्या कर लूंगी. मेरे पास और कोई रास्ता नहीं बचा है.’
महिला ने वीडियो में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और जिलाधिकारी मनीष सिंह को उनके पदनाम से संबोधित करते हुए कहा कि वे उसकी बात को गंभीरता से लें और ब्लैक फंगस संक्रमण के कारण अस्पतालों में भर्ती मरीजों को जरूरी इंजेक्शन उपलब्ध कराएं.
महिला के वायरल वीडियो पर बॉम्बे हॉस्पिटल के महाप्रबंधक राहुल पाराशर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,’हमने संबंधित महिला से बात कर उसे समझाया है. वह अभी परेशान है. उसके पति को एम्फोटेरिसिन-बी के 59 इंजेक्शन पहले ही लग चुके हैं. उसे इस दवा के और इंजेक्शनों की जरूरत है.’
पाराशर ने बताया कि उनके अस्पताल में एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं. लिहाजा महिला के पति और ब्लैक फंगस के दूसरे मरीजों का अन्य फंगसरोधी दवाओं से इलाज किया जा रहा है.
महिला का वीडियो ऐसे वक्त वायरल हुआ है, जब ब्लैक फंगस के इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों की भारी किल्लत के चलते यहां मरीजों और उनके तीमारदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस सिलसिले में निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति भी बदतर है.
गौरतलब है कि म्यूकरमाइकोसिस को ‘ब्लैक फंगस’ के नाम से भी जाना जाता है. कोरोना वायरस संक्रमण से उबर रहे और स्वस्थ हो चुके कुछ मरीजों में यह बीमारी मिल रही है.
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ReplyDeleteकोरोना के इलाज की नई दवा