
छोटे कारोबारियों के लिए आएगी खुशखबरी…GST की इस स्कीम में हो सकता है अब तक का सबसे बड़ा बदलाव
GST Amnesty Scheme: कारोबारियों ने कई वजहों से GSTR-3B रिटर्न नहीं भरा था. इसके बाद उनपर पेनाल्टी का बोझ भी बढ़ गया है. इसी को देखते हुए जीएसटी एमनेस्टी स्कीम का ऐलान किया जा सकता है. इस स्कीम के तहत एक तय अवधि में मामूली लेट फीस के साथ पुराने रिटर्न भरे जा सकेंगे
बहुत जल्द ही गुड्स एडं सर्विसेज काउंसिल (GST Council) छोटे टैक्सपेयर्स और कारोबारियों को बड़ी राहत देने वाला है. 28 मई को जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी रिटर्न फाइलिंग (GST Return filing) को लेकर एक एमनेस्टी स्कीम (GST Amnesty Scheme) का ऐलान किया जा सकता है. इस स्कीम के दायरे में 01 जुलाई 2017 से लेकर अप्रैल 2021 तक के सभी पेंडिंग GSTR-3B रिटर्न्स को शामिल किया जाएगा. सभी जीएसटी रजिस्टर्ड कारोबार को GSTR-3B रिटर्न दाखिल करना होता है.
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जीएसटी काउंसिल के सामने लेट फीस का भी प्रस्ताव रखा जाएगा. इस एमनेस्टी स्कीम की सुविधा लेने वाले टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन विंडो (Compliance Window) खोला जाएगा. माना जा रहा है कि यह विंडो इस साल 01 जून से 31 अगस्त तक तीन महीनों के लिए खुला रहेगा. हालांकि, इस प्रस्ताव और अनुपालन की तारीखों को लेकर कोई भी अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में ही लिया जाएगा.
रिटर्न भरने में देरी से बढ़ा लेट फीस का बोझ
सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया कि कारोबारी कई फैक्टर्स की वजह से अब तक कई तिमाही में रिटर्न दाखिल नहीं कर सके हैं. लेकिन, अब इतने दिनों के बाद कारोबारियों के लिए ऐसी स्थिति हो चुकी है कि उन्हें रिटर्न के तौर पर 1 भी रुपये नहीं भरना है, लेकिन लेट फीस और ब्याज में भारी इजाफा हो चुका है. कहा जा रहा है कि जिन टैक्सपेयर्स की देनदारी जीरो रिटर्न की है, उनपर इस एमनेस्टी स्कीम के तहत केवल 500 रुपये का लेट फीस वसूला जाएगा.
इसके अलावा उन टैक्सपेयर्स को लेट फीस के तौर 1,000 रुपये देने होंगे, जिन्होंने जुलाई 2017 से अप्रैल 2021 के बीच टैक्स देनदारी के बावजूद भी कोई रिटर्न नहीं भरा है. यह भी ध्यान रहे कि इस स्कीम का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि जीएसटी काउंसिल द्वारा तय की गई तारीख के अंदर ही रिटर्न फाइल किया जाए.
दो साल में लेट फीस के तौर पर 100 करोड़ रुपये की वसूली
हाल ही में एक आरटीआई में खुलासा हुआ था कि 01 अप्रैल 2019 से लेकर 30 अप्रैल 2021 तक GSTR-3B व अन्य रिटर्न नहीं दाखिल करने की वजह से लेट फीस के तौर पर 100 करोड़ रुपये वसूला जा चुका है. इस आरटीआई जवाब में यह भी कहा गया कि जीएसटी लागू होने से लेकर मार्च 2019 तक के आंकड़े उपलब्ध नहीं है. 01 जुलाई 2017 से जीएसटी व्यवस्था को लागू किया गया था.
क्या है लेट फीस की मौजूदा व्यवस्था
जीएसटी व्यवस्था के तहत, रिटर्न फाइल नहीं करने की वजह से टैक्सपेयर्स से पेनाल्टी वसूला जाता है. अगर किसी टैक्सपेयर की टैक्स देनदारी जीरो है और उन्होंने रिटर्न नहीं भरा है तो 20 रुपये प्रति दिन के हिसाब से पेनाल्टी लागू होता है. जबकि टैक्स देनदारी वालों को 50 रुपये प्रति दिन के हिसाब से पेनाल्टी देना होता है. लेट फीस की यह रकम 10,000 रुपये प्रति महीने पर कैप की गई है.
लेकिन महामारी के बीच पिछले कई महीनों से टैक्सपेयर्स सोशल मीडिया पर इस लेट फीस को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस साल बजट पेश होने से पहले ही छोटे कारोबारियों ने राष्ट्रीय स्तर एक विरोध-प्रदर्शन भी किया था.
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