
मेडिकल कॉलेज ने किया दावा, मां के दूध से हार गया कोरोना
मां के दूध में एंटीबॉडी होती हैं, जो वायरस संक्रमण को रोकती हैं
भोपाल। दुनिया में मां का दूध अमृत माना जाता है मां का दूध शिशु को सभी बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। फिर चाहे मां खुद ही क्यों ना संक्रमित हो। मध्य प्रदेश के जबलपुर में डॉक्टर्स ने दावा किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण होने के बाद भी महिलाओं ने अपने नवजात को दूध पिलाया और उनके बाद भी बच्चे कोरोना संक्रमण से दूर रहे।
दरअसल कोविड अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीजों में ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया था। जबलपुर के मेडिकल कॉलेज डॉक्टर्स की मानें तो अस्पताल में ऐसी 6 महिला मरीज हैं जिनकी 18 दिनों निगरानी की गई, ये महिलाएं अपने नवजात शिशुओं को लेकर अस्पताल में ही रहीं और 18 दिनों तक अपने बच्चों को दूध भी पिलाती रहीं। लेकिन एक भी बच्चों को संक्रमण छू नहीं सका। यह केवल मां के दूध का चमत्कार ही था।
मेडिकल कॉलेज कोविट हॉस्पिटल ड्यूटी डॉक्टर संजय भारती का दावा है कि इन 6 महिलाओं में से किसी भी महिला के बच्चे तक कोरोना संक्रमण नहीं पहुचा। खाश बात यह है कि इन 6 कोरोना संक्रमित महिलाओं के बच्चों को मां से अलग रखा गया था, 18 दिनों तक केवल स्तनपान के लिए ये बच्चे अपनी मां के पास जाते थे। हालांकि अस्पताल में स्तनपान से पहले जरूरी सावधानियां बरती जाती थी सिर्फ स्तनपान तक ही बच्चों का संपर्क मां से होता था। हैरानी की बात यह है कि संक्रमित मां से दूध पीने के बाद भी कोरोना वायरस इन बच्चों तक नहीं पहुंचा।
सीनियर डॉक्टर्स की माने तो मां के दूध में एंटीबॉडी होती हैं, जिससे कोई भी वायरस का संक्रमण नहीं फैलता, इसीलिये कोरोना संक्रमण भी इन बच्चों पर बेअसर रहा। अब मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स का दावा है कि उनके द्वारा किये गये प्रयोग के बाद सिद्ध हो गया कि मां के दूध से कोरोना नहीं फैलता। जिस कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है उस कोरोना को मां के दूध ने ही हरा दिया।
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