
बार-बार दवा लेने से करें परहेज, नहीं तो होगा गंभीर नुकसान
Saturday 13 February 2021
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ऐसे लोगोंं की संख्या लगातार बढ़ रही है जो मामूली से सिरदर्द, बदनदर्द, कमरदर्द या जोड़ों में दर्द होने पर दिनभर में 1 से 10 गोलियां(पेनकिलर) तक खा लेते हैं। शुरू में व्यक्ति इसे जरूरत के लिए लेता है लेकिन धीरे-धीरे ये आदत बन जाती हंै। ये पेनकिलर काफी सस्ती आती हैं और इनके लिए कैमिस्ट को कोई डॉक्टरी पर्चा भी दिखाना नहीं पड़ता। इसलिए लोग इन्हें अपनी मर्जी से खा लेते हैं। अनावश्यक पेनकिलर लेने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा है।
इन दवाओं का होता हैं ज्यादा प्रयोगफौरन आराम के लिए लोगएस्प्रिन (साल्ट)- डिस्प्रिन, कॉम्बीफ्लेम, ब्रूफेन, डाइक्लोरान दवाएं लेते हैं। डिस्प्र्रिन खून को पतला करके इसे धमनियों में इकट्ठा नहीं होने देती जिससे हार्ट अटैक का खतरा क म होता है। जबकि कॉम्बीफ्लेम, ब्रूफेन और डाइक्लोरान बुखार, सिरदर्द व बदनदर्द में ली जाती हैं।
ऐसे पहुंचाती हैं नुकसानजब समान डोज लेते हुए उस दवा का असर कम और साथ में शरीर के भीतर दूसरी तरह की समस्याएं होने लगें तो इन्हें पेनकिलर्स का दुष्प्रभाव मानते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पेट : ज्यादा पेनकिलर लेने से पेट में अल्सर, कब्ज, इंटरनल ब्लीडिंग की वजह से मल में रक्त आना व खून वाली उल्टियां जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लिवर: डैमेज होने का खतरा।किडनी: ये दवाएं धीरे-धीरे इसे कमजोर करती हैं।दमा : कई दवाएं अस्थमा भी बढ़ा देती हैं। मानसिक रोग : कई बार व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, याददाश्त कमजोर होना, उदासी या भ्रम के लक्षण आने लगते हैं।
डॉक्टरी रायबिना डॉक्टरी सलाह के ली गई दवा फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकती है क्योंकि हर दवा को लेने का अपना तरीका होता है। डॉक्टर मरीज की हिस्ट्री, आयु, खानपान के हिसाब से दवा की मात्रा व परहेज बताते हैँ
इन दवाओं का होता हैं ज्यादा प्रयोगफौरन आराम के लिए लोगएस्प्रिन (साल्ट)- डिस्प्रिन, कॉम्बीफ्लेम, ब्रूफेन, डाइक्लोरान दवाएं लेते हैं। डिस्प्र्रिन खून को पतला करके इसे धमनियों में इकट्ठा नहीं होने देती जिससे हार्ट अटैक का खतरा क म होता है। जबकि कॉम्बीफ्लेम, ब्रूफेन और डाइक्लोरान बुखार, सिरदर्द व बदनदर्द में ली जाती हैं।
ऐसे पहुंचाती हैं नुकसानजब समान डोज लेते हुए उस दवा का असर कम और साथ में शरीर के भीतर दूसरी तरह की समस्याएं होने लगें तो इन्हें पेनकिलर्स का दुष्प्रभाव मानते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पेट : ज्यादा पेनकिलर लेने से पेट में अल्सर, कब्ज, इंटरनल ब्लीडिंग की वजह से मल में रक्त आना व खून वाली उल्टियां जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लिवर: डैमेज होने का खतरा।किडनी: ये दवाएं धीरे-धीरे इसे कमजोर करती हैं।दमा : कई दवाएं अस्थमा भी बढ़ा देती हैं। मानसिक रोग : कई बार व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, याददाश्त कमजोर होना, उदासी या भ्रम के लक्षण आने लगते हैं।
डॉक्टरी रायबिना डॉक्टरी सलाह के ली गई दवा फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकती है क्योंकि हर दवा को लेने का अपना तरीका होता है। डॉक्टर मरीज की हिस्ट्री, आयु, खानपान के हिसाब से दवा की मात्रा व परहेज बताते हैँ
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