जेलकर्मी पर शक:डीआईजी ने सुबह 5 बजे दी जेल में दबिश, बंदियों व हर सेल की जांच; अब फोटो वायरल करने वाले की तलाश
- फोटो डेढ़ माह पुराना, अब वायरल किया, ताकि फुटेज नहीं मिले
जिला जेल में हनी ट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन और जेलर केके कुलश्रेष्ठ का बातचीत करते फोटो वायरल होने के मामले में जांच करने आए डीआईजी संजय पांडे ने गुरुवार सुबह 5 बजे जेल में दबिश दी। उन्होंने सभी के मोबाइल बंद करा दिए। सोते हुए सारे बंदियों को उठाया। फिर सबसे पहले महिला बैरक का निरीक्षण किया। संवेदनशील वार्ड भी देखे। बंदियों के सामान की जांच कराई। अफसरों का कहना है कि कुछ आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। कॉस्मेटिक सामान व मूंगफली के दाने मिले। कुछ बंदियों से पूछताछ भी की। कुलश्रेष्ठ को क्लीनचिट, फोटो खींचने वाला फंसेगा
छानबीन के बाद पांडे ने कहा जेल में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल, हिडन कैमरे लाना और उपयोग करना प्रतिबंधित है। जिसने भी यह काम किया, यह आपराधिक श्रेणी का है। जेलर कुलश्रेष्ठ नियमानुसार बात कर रहे थे। जांच में अब पता किया जा रहा है कि फोटो किसने लिया, किसने वायरल किया और उसकी मंशा क्या थी। डीआईजी ने सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश भांगरे को इसकी जांच कर आठ दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
मोबाइल से वीडियो बनाया, उसमें से निकाले फोटो
चक्कर अधिकारी या उससे ऊपर के अफसर ही मोबाइल ले जा सकते हैं। पूरा वीडियो इसलिए वायरल नहीं किया, क्योंकि उसमें वॉइस भी होगी। डेढ़ महीने बाद इसे वायरल करने के पीछे कारण यह है कि सीसीटीवी में महीनेभर बाद रिकॉर्ड ढूंढना मुश्किल होता है। अफसरों में खींचतान को भी इसकी वजह माना जा रहा। विवादों में रहे जेलर मनोज चौरसिया यहां वापसी कर चुके हैं, जबकि एक और जेलर शुक्ला भी यहीं पदस्थ हैं।
कोर्ट ने कहा- श्वेता की कौन सी संपत्ति जांच को भेजी, कब आएगी रिपोर्ट, स्पष्ट बताएं थाना प्रभारी
जिला व सत्र न्यायालय ने पलासिया थाना प्रभारी को आदेश दिया है कि उन्होंने हनी ट्रैप मामले में जब्त सामग्री की अब तक स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए पुलिस क्या प्रयास कर रही है। इसकी स्पष्ट जानकारी भेजी जाए। कोर्ट में टीआई ने जब्त सामग्री को जांच के लिए भेजने की बात कही थी। मामले में अब 7 सितंबर को सुनवाई होगी। इसके पहले पुलिस को जानकारी देना होगी। वहीं आरोपी श्वेता विजय जैन की ओर से कोर्ट में केस की शीघ्र सुनवाई करने और आरोप तय करने को लेकर आवेदन पेश किया गया। श्वेता की ओर से धर्मेंद्र गुर्जर ने पैरवी की।
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