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   कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद संक्रमण से मौत का खतरा कम- स्टडी

कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद संक्रमण से मौत का खतरा कम- स्टडी


यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के रिसर्चर्स ने अपने रिसर्च में पाया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद संक्रमण से मौतों के आंकड़ों में कमी आई है. उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीन अलग अलग वैरिएंट्स के लिए भी प्रभावी हैं

दुनियाभर में लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की मुहिम बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. वैक्सीन देने के बाद इस संक्रमण से मौतों के आंकड़ों में भी गिरावट दर्ज की गई है. हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि मौतों से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन बेहद प्रभावी हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के रिसर्चर्स ने बताया कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने से संक्रमण से मौत होने का खतरा कम रहता है. उन्होंने बताया, "कोविड वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण से मौत का खतरा 85 फीसदी तक कम हो जाता है. यहां तक कि ये कोविड के अलग अलग वैरिएंट्स के लिए भी प्रभावी है.


फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने बताया कि कोरोना वैक्सीन यूके वैरिएंट B.1.1.7 में 86 फीसदी, ब्राजील के P.1 स्ट्रेन में 61 फीसदी, साउथ अफ्रीका के B.1.351 स्ट्रेन में 56 फीसदी तक असरदार रही. रिसर्चर्स ने बताया कि फाइजर वैक्सीन कोरोना संक्रमण के खिलाफ 94 फीसदी, मोडर्ना वैक्सीन 80 फीसदी, जॉनसन एंड जॉनसन 65.5 फीसदी और एस्ट्राजेनका 60 फीसदी तक असरदार है.


पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने भी की स्टडी 


पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के एक अध्ययन में पाया गया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन दूसरी खुराक के दो सप्ताह बाद बी.1.617.2 वैरिएंट के खिलाफ 88 प्रतिशत प्रभावी था. इसकी तुलना B.1.1.7 स्ट्रेन के खिलाफ 93 प्रतिशत प्रभावशीलता के साथ की जाती है, जो कि ब्रिटेन का प्रमुख कोविड वैरिएंट है. पीएचई ने कहा कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दो खुराक बी.1.617.2 वैरिएंट के खिलाफ 60 प्रतिशत प्रभावी थी, जबकि केंट वैरिएंट के खिलाफ 66 प्रतिशत तक प्रभावी थी

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