अब मध्य प्रदेश में ही बनेगी 'ब्लैक फंगस' की दवा, दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहेंगे मरीज
ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उत्पादन अब सूबे के जबलपुर में किया जाएगा।
जबलपुर/ मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामलों में तेजी आने के बाद एक राहत की खबर भी सामने आई है। दरअसल, कोरोना के बाद तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उत्पादन अब सूबे के जबलपुर में किया जाएगा। ब्लैक फंगस के इलाज में अहम भूमिका निभाने वाले इस इंजेक्शन का उत्पादन मध्य प्रदेश में होने से यहां के मरीजों के लिये दूसरे राज्यों की निर्भरता खत्म हो जाएगी।
20 जून से प्रदेश को इंजेक्शन मिलने की उम्मीद
बता दें कि, इस संबंध में जबलपुर की रेवा क्योर लाइफ साइंसेज दवा कंपनी इंजेक्शन बनाने की स्वीकृति दे दी गई है। कंपनी को सरकार की तरफ से उत्पादन संबंधी लाइसेंस जारी किया गया है। ब्लैक फंगस के इलाज में सबसे बड़ी मुश्किल इसके उपचार में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन बताया जा रहा है। सरकारी स्तर पर इसकी खरीदी कर मेडिकल कॉलेज में तो इंजेक्शनों की पूर्ति की जा रही है, लेकिन फिर भी ब्लैक फंगस के मामलों में लगातार आ रही तेजी के चलते पर्याप्त पूर्ति नही हो पारही है। लिहाजा इमरजेंसी के चलते रेवा क्योर लाइफ साइंसेज कंपनी का चयन सरकार द्वारा संकट की इस घड़ी में किा गया है। बता दें कि, अब तक उमरिया-डुंगरिया स्थित रेवा क्योर लाइफ साइंसेज कंपनी एंटी कैंसर इंजेक्शन बनाने का कार्य करती है। देश की कई बड़ी व नामी कंपनियों से इसका टाइअप है।
इंजेक्शन के दामों में आएगी कमी
राज्य सरकार से इंजेक्शन बनाने की अनुमति और लाइसेंस मिलने के बाद कंपनी अब रॉ-मटैरियल की व्यवस्था कर रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही कंपनी को रॉ-मटैरियल मिल जाएगा। इसके बाद वो इंजेक्शन बनाने का काम शुरु कर देगी। कंपनी एंड यूरोपियन मेडीसिन एजेंसी से अप्रूव्ड है। अभी देश में एक ही कंपनी इंजेक्शन बना रही है, जिसके चलते आपूर्ति होना संभव नहीं है।अब जब मध्य प्रदेश में भी इस इंजेक्शन का उत्पादनशुरु होने के बाद न सिर्फ ये पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकेंगे, बल्कि इसेक दामों में कमी आएगी।
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