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Whatsapp Success Story In Hindi | व्हाट्सएप ओनर की सफलता की कहानी

Whatsapp Success Story In Hindi | व्हाट्सएप ओनर की सफलता की कहानी

 Whatsapp Success Story in Hindi


 

Whatsapp Success Story In Hindi

अगर कोई व्यक्ति नया फ़ोन ख़रीदे तो सबसे पहला एप जो वह इनस्टॉल करेगा सायद व्हाट्सएप ही हो। ऐसे लोग न के बराबर ही होंगे जिनके पास स्मार्टफोन तो हो पर वह व्हाट्सएप पर न हो। दुनिया के इस पॉपुलर मेसेजिंग सर्विस व्हाट्सएप की शुरुवात दो दोस्तों ने मिलकर 2009 में की थी। एक थे ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) जो की एक YAHOO Engineer थे और दूसरे थे जान कौम (Jan Koum) जो की हैकर ग्रुप Woo Woo में काम करते थे।

 

जान कौम (Jan Koum) एक बेहद ही साधारण परिवार में जन्मे थे। इनका जन्म यूक्रेन (Ukraine) के एक छोटे से गाँव में हुआ था। इनके पिता एक कंस्ट्रकशन कंपनी में काम करते थे जो की हॉस्पिटल और स्कूल बनाती थी। जान कौम (Jan Koum) ने San Jose State University से मैथ्स और कंप्यूटर साइंस में अपनी एडुकेशन पूरी करि।

 

ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) जिनका बचपन सेंट्रल फ्लोरिडा (Central Florida) में बिता था इन्होने Stanford University से 1994 में कंप्यूटर साइंस में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करि। डिग्री लेने के बाद इन्होने मशहूर कंपनी Apple में सॉफ्टवेर इंजीनियरिंग की पोजीशन पर काम करना शुरू किया। फिर इन्होने 1996 में YAHOO जॉइन कर लिया।

 

कौम और ऐक्टन की मुलाकात YAHOO के ऑफिस में हुई थी। ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) बताते हैं कि जब मैंने जान कौम (Jan Koum) को ऑफिस में देखा तो मैंने उसमें बाकि लोगों से कुछ अलग पाया। वह बहुत ही लगन और मेहनत से काम करने वालो में से एक था। वहीं से उन दोनों की दोस्ती शुरू हुई।

 

लगभग 10 साल तक एक साथ काम करने के बाद इन दोनों ने YAHOO छोड़ने का फैसला लिया और 2007 में इन दोनों ने एक साथ नौकरी छोड़ दी और अपना खुद का कुछ काम करने में लग गए। व्हाट्सएप का आईडिया जान कौम (Jan Koum) 2009 में तब आया जब वह मूवी देख रहे थे। उन्हें लगा कि क्यों न एक ऐसा एप बनाया जाये जिससे की वह अपने दोस्तों को तुरंत इन्फॉर्म कर पाए कि मूवी में क्या हुआ? कैसे हुआ? और साथ ही उसमें कुछ खर्चा भी न हो।

 

जान कौम (Jan Koum) ने यह आईडिया ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) को बताया। शुरू में ऐक्टन को थोड़ा मुश्किल लगा लेकिन बाद में वह राजी हो गया। दोनों इस मिशन में जी जान से लग गए। क्यूंकि दोनों प्रोग्रामिंग बहुत अच्छे से समझते थे इसलिए उन्होंने एक एप बना लिया।

 

एप बनकर तैयार तो हो गया था लेकिन उसमें दिक्कते भी कम नहीं थी। सबसे पहले तो व्हाट्सएप में रजिस्ट्रेशन के समय नंबर डालना होता था तो जो OTP फ़ोन पर आता था उसके पैसे जान कौम (Jan Koum) के बैंक अकाउंट से कटते थे। दूसरी समस्या यह थी कि एप में कभी तो मैसेज आते और कभी बिलकुल ही नहीं आते थे।

 

आखिर में जान कौम (Jan Koum) ने ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) से कहा कि क्यों न इसे छोड़कर कोई स्टेबल जॉब पकड़ी जाए। ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) ने उसे गुस्से में जवाब दिया कि अगर तुमने अभी इसे छोड़ दिया तो तुमसे बड़ा बेवकूफ कोई नहीं होगा। कुछ महीने अभी हमें इसे और देने चाहिए। उसके कुछ समय तक व्हाट्सप्प में कोई खास ग्रोथ नहीं हो रही थी और दोनों के बैंक अकाउंट भी बिलकुल खाली हो चुके थे। अब दोनों को सर्वाइव करने के लिए नौकरी की जरुरत थी।

 


जान कौम (Jan Koum) और ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) जॉब के लिए सबसे पहले फेसबुक (Facebook) हेडक्वार्टर्स गए लेकिन वहाँ से उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। फिर दोनों ट्विटर (twiter) हेडक्वार्टर्स गए तो वहाँ भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। न तो उन्हें कोई नौकरी दे रहा था और न ही उनका व्हाट्सएप का काम ढंग से पूरा हो पा रहा था। तभी ऐक्टन ने कहा कि क्यों न हम अपने सभी पुराने दोस्तों को अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताये और सायद इससे कुछ पैसे भी इकट्ठे हो जाए।

 

उन्होंने अपने सभी पुराने दोस्तों जो की YAHOO में काम  उनको बुलाया और अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया। सभी दोस्तों से उन्हें लगभग 15, 000 रूपए मिल गए। इस पैसे से उन्होंने फिरसे व्हाट्सएप पर काम करना शुरू किया और दिन-रात एक करके इसके सभी दिक्कते को दूर करा।

 

2010 की शुरुवात से 2014 तक व्हाट्सएप की ग्रोथ पूरी दुनिया में बहुत ही शानदार तरीके से बढ़ी। 4 साल के अंदर ही यह एप उनके लाइफ का गेम चैंजर बन गया। 2014 August महीने तक व्हाट्सएप के मंथली यूजरस 60 करोड़ हो चुके थे और हर महीने लगभग 2.5 करोड़ नए एक्टिव यूजरस व्हाट्सएप पर Sign Up कर रहे थे।

 

अब 5 साल बाद उसी फेसबुक (Facebook) ने जिसने 6 साल पहले ऐक्टन और कौम को अपने यहाँ जॉब पर नहीं रखा था उसने व्हाट्सएप को बिलियनस ऑफ़ डॉलर्स खर्च करके उन दोनों से ख़रीदा। इंडियन करेंसी के हिसाब से फेसबुक (Facebook) ने लगभग 1 लाख करोड़ रूपए से भी ज़्यादा खर्च करके इसे अपने नाम करवाया।

 

वह दोनों जिस कंपनी में नौकरी मांगने गए थे आज वह उसी कंपनी के शेयर होल्डर बन गए। इस वक्त सबसे ज़्यादा एक्टिव यूजरस व्हाट्सएप पर ही है WeChat और जापान के LINE App को व्हाट्सएप काफी पहले ही पछाड़ चूका है। इस समय इंडिया में व्हाट्सएप के 10 करोड़ से भी ज़्यादा एक्टिव यूजरस हैं।

 

2014 के रिपोर्ट्स के अनुसार जान कौम (Jan Koum) 6.8 बिलियन की सम्मपति के साथ दुनिया भर की सबसे अमीर लोगों के लिस्ट में 202 नंबर पर हैं। वहीं ब्रायन ऐक्टन (Brian Acton) 3 बिलियन सम्पत्ति के साथ 551 नंबर पर हैं।

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