महाराज' को नजरअंदाज करना पड़ गया भारी, 'नाथ' की नहीं अब MP में होगी 'कमल' की सरकार?
Tuesday 10 March 2020
Comment
'महाराज' को नजरअंदाज करना पड़ गया भारी, 'नाथ' की नहीं अब MP में होगी 'कमल' की सरकार!
अब सबके मन में एक ही सवाल है कि मध्य प्रदेश में 'नाथ' या 'कमल'? यह लाख टके की सवाल अब भी बरकरार है। क्योंकि बीजेपी अभी पत्ते खोल नहीं रही हैं और कांग्रेस पूरे प्रकरण पर चुपी साध रखी है हालांकि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पहले ही कह दिया है कि कमलनाथ सरकार का बच पाना मुश्किल है।
दरअसल, इस कहानी का पटकथा ऐसा नहीं है कि अचानक लिखी गई। बिल्कुल नहीं, बहुत पहले ही लिखी जा चुकी थी और सिर्फ समय का इंतजार किया जा रहा था। इसको जानने समझने के लिए आपको थोड़ा पीछे जाना होगा।
वो तारीख थी 13 फरवरी 2020। जगह मध्य प्रदेश का टीकमगढ़। यहां एक सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि जनता के मुद्दे को लेकर वो अपनी सरकार के खिलाफ भी सड़क पर उतर सकते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का ये बयान सियासी हलकों में बवाल मचा दिया और लगे हाथ दिल्ली में कमलनाथ ने भी आव देखा न ताव और बोल दिया कि 'उतर जाएं, रोका कौन है?'
हालांकि सिंधिया सड़क पर तो नहीं उतरे लेकिन कमलनाथ सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के नेता सड़क नापने लगे। भोपाल की सियासत गुरुग्राम से लेकर बेंगलुरु तक शिफ्ट होती रही। ड्रामा पल-पल बदलता रहा। इस पूरे घटनाक्रम में अगर कोई चुप रहा, वो थे 'महाराज'।
सिंधिया चुप तो जरूर थे लेकिन उनते समर्थक बोलते रहे, जमकर बोल रहे थे। इसके बावजूद कांग्रेस के नेता सिंधिया के चुप्पी को समझ नहीं पाये या समझने की कोशिश नहीं की।
क्योंकि सिंधिया के समर्थक गाहे-बगाहे 'महाराज' के लिए सम्मानजनक पद की मांग कर रहे थे और पार्टी हर बार उसे दरकिनार कर रही थी। यही उपेक्षा सिंधिया के लिए वजूद की चुनौती हो गई, जो आज सबके सामने है और 'नाथ' के लिए 'कमल' अब चुनौती बन गई।
0 Response to "महाराज' को नजरअंदाज करना पड़ गया भारी, 'नाथ' की नहीं अब MP में होगी 'कमल' की सरकार?"
Post a Comment