
कोरोना का डर...सिर्फ खांसी आई तो सहयात्री ने कर की कोरोना संदिग्ध होने की शिकायत
Monday, 23 March 2020
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-रात में ट्रेन से उतारे गए यात्री में नहीं मिले लक्षण, जांच के बाद भेज वापस
-कोरोना को लेकर जिला अस्पताल में शुरू होगा कंट्रोल रूम
-जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीज को लेकर फिर की मॉक ड्रिल
-कोरोना को लेकर जिला अस्पताल में शुरू होगा कंट्रोल रूम
-जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीज को लेकर फिर की मॉक ड्रिल
खंडवा. कोरोना वायरस के देश में बढ़ते प्रकोप से दशहत भी फैलने लगी है। लोग अपने आसपास बाहर से आने वालों को संदिग्ध नजर से देख रहे हैं। वहीं, ट्रेनों में भी कोरोना को लेकर पैनिक बढ़ता जा रहा है। शनिवार की रात ट्रेन में सफर कर रहे यात्री को खांसी आई तो सहयात्री ने उसके कोरोना वायरस से संदिग्ध होने की शिकायत आरपीएफ, जीआरपी को कर दी। आधी रात को जीआरपी ने यात्री को ट्रेन से उतारा व जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा। यहां यात्री की जांच में कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले।
रात 2 बजे करीब जीआरपी को सूचना मिली थी कि स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस के एसी कोच में गोवा से एक कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज सफर कर रहा है। जिसके बाद जीआरपी और आरपीएफ सक्रिय हुई और ट्रेन के स्टेशन पहुंचते ही यात्री को ट्रेन से उतारा। यहां से डॉक्टर्स की टीम उक्त यात्री को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। यहां पर जिला महामारी अधिकारी डॉ. योगेश शर्मा द्वारा यात्री की जांच की गई। डॉ. शर्मा ने बताया कि यात्री को न तो खांसी आ रही थी, न ही बुखार था। करीब एक घंटा उसे अस्पताल में ही रखा गया। इस दौरान उसे एक बार भी खांसी नहीं आई। जिसके बाद यात्री को वापस रेलवे स्टेशन भिजवाया गया।
रिकॉर्ड समय में की मॉक ड्रिल
जिला अस्पताल में रविवार दोपहर को एक बार फिर कोरोना संदिग्ध मरीज के आने पर होने वाली कार्रवाई की मॉक ड्रिल की गई। मॉक ड्रिल का निरीक्षण करने जिला पंचायत सीईओ रोशन कुमार सिंह भी पहुंचे। यहां जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की टीम ने रिकॉर्ड समय में मॉक ड्रिल को अंजाम दिया। दोपहर 12.54 बजे एंबुलेंस के अस्पताल पहुंचने के बाद 10 मिनट में मरीज को अंदर ले जाने और इलाज शुरू करने की कवायद संपन्न की। इस दौरान मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. संजय दादू, सिविल सर्जन डॉ. ओपी जुगतावत, जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. शर्मा सहित मेडिकल कॉलेज के सभी एचओडी शामिल हुए।
रात 2 बजे करीब जीआरपी को सूचना मिली थी कि स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस के एसी कोच में गोवा से एक कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज सफर कर रहा है। जिसके बाद जीआरपी और आरपीएफ सक्रिय हुई और ट्रेन के स्टेशन पहुंचते ही यात्री को ट्रेन से उतारा। यहां से डॉक्टर्स की टीम उक्त यात्री को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। यहां पर जिला महामारी अधिकारी डॉ. योगेश शर्मा द्वारा यात्री की जांच की गई। डॉ. शर्मा ने बताया कि यात्री को न तो खांसी आ रही थी, न ही बुखार था। करीब एक घंटा उसे अस्पताल में ही रखा गया। इस दौरान उसे एक बार भी खांसी नहीं आई। जिसके बाद यात्री को वापस रेलवे स्टेशन भिजवाया गया।
रिकॉर्ड समय में की मॉक ड्रिल
जिला अस्पताल में रविवार दोपहर को एक बार फिर कोरोना संदिग्ध मरीज के आने पर होने वाली कार्रवाई की मॉक ड्रिल की गई। मॉक ड्रिल का निरीक्षण करने जिला पंचायत सीईओ रोशन कुमार सिंह भी पहुंचे। यहां जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की टीम ने रिकॉर्ड समय में मॉक ड्रिल को अंजाम दिया। दोपहर 12.54 बजे एंबुलेंस के अस्पताल पहुंचने के बाद 10 मिनट में मरीज को अंदर ले जाने और इलाज शुरू करने की कवायद संपन्न की। इस दौरान मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. संजय दादू, सिविल सर्जन डॉ. ओपी जुगतावत, जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. शर्मा सहित मेडिकल कॉलेज के सभी एचओडी शामिल हुए।
बाहर से आने वाले लोगों को लेकर अफवाह न फैलाए
जिला महामारी अधिकारी डॉ. शर्मा ने बताया कि कोरोना को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। लोग अपने आसपास में बाहर से आने वाले लोगों को संदिग्ध नजर से देख रहे हैं और उन्हें कोरोना का मरीज बता रहे हैं। जिला अस्पताल में अभी तक 24 लोगों की सूची है जिन्हें घर में आयसोलेट किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र के पूणे, नागपुर से आने वाले लोग स्वयं ही घर पर रहे। उन्हें बुखार या खांसी जैसे लक्षण दिखे तो वे तुरंत अस्पताल आए। कोरोना वायरस को लेकर जिला अस्पताल में सोमवार से कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जा रहा है। जहां पर मौजूद टोल फ्री नंबर पर कोरोना के संबंध में जानकारी दे सकते है।
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