मुश्किल में कमलनाथ, गवर्नर का आदेश- 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट, 22 विधायकों के इस्तीफे से अल्पमत में सरकार
Sunday 15 March 2020
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भोपाल. मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार देर रात आदेश जारी कर फ्लोर टेसट कराने का आदेश दिया है। राज्यपाल ने आदेश देते हुए कहा कि 16 मार्च को कमलनाथ सरकार अपना बहुमत साबित करे। राज्यपाल के आदेश के अनुसार, सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद ही विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग होगी। मतदान सिर्फ बटन दबाकर होगा। मतदान की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। बता दें कि शनिवार को भाजपा नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी।
सीएम ने कहा था मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार
मध्यप्रदेश की सियासी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी। राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा था मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले बेंगलुरू में बंधक विधायकों को मुक्त कराया जाए। इसके साथ ही सीएम कमलनाथ ने कहा था हम सदन में बहुमत साबित करेंगे।
सिंधिया समर्थक मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सिंधिया समर्थक बागी विधायकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस के छह बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और सदन ने उन्हें अयोग्य ठहराया है। जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है, वो सभी सिंधिया खेमे के थे। अयोग्य ठहराए गए सभी विधायक पूर्व में कमलनाथ की सरकार में मंत्री थे। मंत्री पद से उन्हें पहले ही हटा दिया गया है। दरअसल, सिंधिया गुट के छह मंत्री ज्योतिरादित्य के इस्तीफा देने के बाद से ही बेंगलुरू में हैं।
बीजेपी नेताओं के जरिए इन लोगों ने अपना इस्तीफा भेज दिया था। उसके बाद वीडियो जारी कर भी इस्तीफे की बात कही थी। इस्तीफे के बाद विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने उन्हें उपस्थित होकर बात रखने को कहा था। लेकिन शुक्रवार को वह सदन में नहीं पहुंचे। शनिवार रात विधानसभा अध्यक्ष ने सिंधिया समर्थक मंत्री, तुलसी सिलावट, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत और डॉ प्रभुराम चौधरी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
क्या है विधानसभा की स्थिति
कुल विधानसभा सीटें- 230
खाली सीटें- 02 ( भाजपा-कांग्रेस विधायक के निधन के कारण )
इस्तीफा मंजूर होने के बाद विधानसभा की स्थिति
कुल विधायक- 222
भाजपा- 107
कांग्रेस- 92 ( 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो चुका है, 16 विधायकों ने इस्तीफा भेज दिया पर अभी तक मंजूर नहीं )
अन्य- 07 (4 निर्दलीय, 2 बसपा, 1 सपा )
बहुमत के लिए जरूरी सीटें- 112
भोपाल. मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार देर रात आदेश जारी कर फ्लोर टेसट कराने का आदेश दिया है। राज्यपाल ने आदेश देते हुए कहा कि 16 मार्च को कमलनाथ सरकार अपना बहुमत साबित करे। राज्यपाल के आदेश के अनुसार, सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद ही विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग होगी। मतदान सिर्फ बटन दबाकर होगा। मतदान की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। बता दें कि शनिवार को भाजपा नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी।
सीएम ने कहा था मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार
मध्यप्रदेश की सियासी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी। राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा था मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले बेंगलुरू में बंधक विधायकों को मुक्त कराया जाए। इसके साथ ही सीएम कमलनाथ ने कहा था हम सदन में बहुमत साबित करेंगे।
मध्यप्रदेश की सियासी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी। राज्यपाल से मुलाकात के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा था मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले बेंगलुरू में बंधक विधायकों को मुक्त कराया जाए। इसके साथ ही सीएम कमलनाथ ने कहा था हम सदन में बहुमत साबित करेंगे।
सिंधिया समर्थक मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सिंधिया समर्थक बागी विधायकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस के छह बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और सदन ने उन्हें अयोग्य ठहराया है। जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है, वो सभी सिंधिया खेमे के थे। अयोग्य ठहराए गए सभी विधायक पूर्व में कमलनाथ की सरकार में मंत्री थे। मंत्री पद से उन्हें पहले ही हटा दिया गया है। दरअसल, सिंधिया गुट के छह मंत्री ज्योतिरादित्य के इस्तीफा देने के बाद से ही बेंगलुरू में हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सिंधिया समर्थक बागी विधायकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस के छह बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और सदन ने उन्हें अयोग्य ठहराया है। जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है, वो सभी सिंधिया खेमे के थे। अयोग्य ठहराए गए सभी विधायक पूर्व में कमलनाथ की सरकार में मंत्री थे। मंत्री पद से उन्हें पहले ही हटा दिया गया है। दरअसल, सिंधिया गुट के छह मंत्री ज्योतिरादित्य के इस्तीफा देने के बाद से ही बेंगलुरू में हैं।
बीजेपी नेताओं के जरिए इन लोगों ने अपना इस्तीफा भेज दिया था। उसके बाद वीडियो जारी कर भी इस्तीफे की बात कही थी। इस्तीफे के बाद विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने उन्हें उपस्थित होकर बात रखने को कहा था। लेकिन शुक्रवार को वह सदन में नहीं पहुंचे। शनिवार रात विधानसभा अध्यक्ष ने सिंधिया समर्थक मंत्री, तुलसी सिलावट, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत और डॉ प्रभुराम चौधरी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
क्या है विधानसभा की स्थिति
कुल विधानसभा सीटें- 230
खाली सीटें- 02 ( भाजपा-कांग्रेस विधायक के निधन के कारण )
कुल विधानसभा सीटें- 230
खाली सीटें- 02 ( भाजपा-कांग्रेस विधायक के निधन के कारण )
इस्तीफा मंजूर होने के बाद विधानसभा की स्थिति
कुल विधायक- 222
भाजपा- 107
कांग्रेस- 92 ( 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो चुका है, 16 विधायकों ने इस्तीफा भेज दिया पर अभी तक मंजूर नहीं )
अन्य- 07 (4 निर्दलीय, 2 बसपा, 1 सपा )
बहुमत के लिए जरूरी सीटें- 112
कुल विधायक- 222
भाजपा- 107
कांग्रेस- 92 ( 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो चुका है, 16 विधायकों ने इस्तीफा भेज दिया पर अभी तक मंजूर नहीं )
अन्य- 07 (4 निर्दलीय, 2 बसपा, 1 सपा )
बहुमत के लिए जरूरी सीटें- 112
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