
नहीं रही मध्यप्रदेश की सबसे बुज़ुर्ग 'रानी' : सबने कहा अलविदा
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साधारणत: शेरनी की उम्र 12 से 14 होती है. लिहाजा रानी अपनी सामान्य उम्र से 10 साल ज्यादा जिंदगी गुजारने के बाद दुनिया से विदा हुई.
ग्वालियर चिड़ियाघर की शेरनी रानी नहीं रही. वो मध्य प्रदेशकी सबसे उम्रदराज शेरनी थी. उसकी उम्र 24 साल थी. रानी के जाने से चिड़ियाघर का स्टाफ उसी तरह ग़मगीन है जैसे परिवार का कोई सदस्य चला गया हो.
रानी,ग्वालिय़र चिड़ियाघर की शान थी. वो पिछले 18 साल से यहां थी औऱ सैलानियों की पहली पसंद थी. बुधवार को वो इस दुनिया से विदा हो गयी. रानी कुछ समय से बीमार थी. चिड़ियाघर का पूरा स्टाफ उसकी तीमारदारी कर रहा था.
रानी जब सिर्फ 6 साल की थी तब उसे लखनऊ से इस चिड़ियाघर में लाया गया था. ग्वालियर का शायद की कोई ऐसा शख्स होगा जिसने रानी को नहीं देखा हो. 18 साल पहले साल 2000 में रानी ने ग्वालियर के चिड़ियाघर में आमद दी थी. उसे लखनऊ से ग्वालियर चिड़ियाघर लाया गया था.
कुछ दिन से रानी को दिखना बहुत कम हो गया था. वो बेहद कमज़ोर हो गयी थी. वो इतनी कमज़ोर हो गयी थी कि मांस भी नहीं खा पा रही थी.
साधारणत: शेरनी की उम्र 12 से 14 होती है. लिहाजा रानी अपनी सामान्य उम्र से 10 साल ज्यादा जिंदगी गुजारने के बाद दुनिया से विदा हुई. उसकी मौत की ख़बर फैलते ही सैलानी चिड़ियाघर पहुंच गए. चिड़ियाघर प्रबंधवन और वन विभाग ने रानी को सलामी दी और नियम के मुताबिक उसका चिड़ियाघर में ही अंतिम संस्कार किया. रानी की मौत से उसका साथी नर शेर जय भी गमगीन हो गया.
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