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मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी, सरकार की कुछ ऐसी है तैयारी

मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी, सरकार की कुछ ऐसी है तैयारी




केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई तबाही से सबक लेकर सरकार ने धार्मिक यात्राओं के दौरान मौसम की सटीक पूर्व जानकारी का इंतजाम किया है। इसके तहत सभी प्रमुख यात्राओं के मार्ग में अत्याधुनिक डॉप्लर राडार लगाए जाएंगे। इनमें चारधाम यात्रा, अमरनाथ यात्रा और कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग शामिल हैं। अगली बार जब ये यात्राएं होंगी तो तीर्थयात्रियों को मौसम की सटीक जानकारी पहले से होगी। 

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. के. जे. रमेश ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि चारधाम यात्रा यानी बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान के लिए औली में डॉप्लर राडार लगेगा। इस राडार की मदद से चारों यात्राओं के के मार्ग के मौसम की सटीक भविष्यवाणी की जाएगी। इसी प्रकार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर नजर रखने के लिए पिथौरागढ़ में डॉप्लर राडार स्थापित किया जाएगा। इस राडार की मदद से भारतीय क्षेत्र में यात्रा के पूरे मार्ग के मौसम के बारे में सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। 

अमरनाथ यात्रा के लिए मोबाइल राडार 
इसी प्रकार अमरनाथ यात्रा के लिए एक मोबाइल डॉप्लर राडार को मंजूरी दी गई है। यात्रा के दौरान इस राडार को वाहन में वहां ले जाया जाएगा और यात्रा के दौरान इस राडार से पल पल के मौसम की जानकारी दी जाएगी। दरअसल, इस मार्ग पर एक स्थान पर राडार लगाकर पूरे मार्ग को कवर करना संभव नहीं हो रहा है। 

समय रहते मिलेगा तबाही का संकेत 
उपरोक्त तीनों यात्राएं देश के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन यात्राओं में लाखों लोग प्रतिवर्ष जाते हैं। ये यात्राएं गर्मी या बरसात में होती हैं, इसलिए मौसम की वजह से कई बार तबाही मचती है, तो कई बार रास्ते बंद हो जाते हैं। लेकिन डॉप्लर राडार की मदद से भारी बारिश, बादल फटने आदि का तीन से छह घंटे पहले आकलन करना संभव होगा और लोगों को सावधान करने के लिए इतना समय काफी होता है।
 

तीन पहाड़ी राज्यों में लगेंगे 11 राडार 
रमेश ने कहा कि यात्रा मार्गों में लगने वाले राडारों से पूरे राज्य को भी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में औली और पिथौरागढ़ के अलावा दो और राडार मसूरी एवं नैनीताल में भी स्थापित किए जाएंगे। इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में तीन राडार शिमला, भुंतर और डलहौजी में लगेंगे। तीन राडार जम्मू, लेह और कुपवाड़ा में लगाने की भी योजना है। इनकी खरीद के आदेश दे दिए गए हैं तथा अगले छह महीने में यह कार्य करना शुरू कर देंगे। 

मैदानी राज्यों और पूर्वोत्तर में भी होगा विस्तार 
मौसम विभाग अगले चरण में 11 और राडार देश के अन्य मैदानी क्षेत्रों में स्थापित करेगा। इसके बाद तीसरे चरण में 10 राडार पूर्वोत्तर में लगाए जाएंगे। मौसम विभाग के अभी 26 डॉप्लटर राडार कार्य कर रहे हैं, जिनके आकंड़े सीधे मौसम भवन दिल्ली को मिलते हैं। तीनों चरणों की योजना पूरी होने पर विभाग के पास देश में राडार का अच्छा नेटवर्क हो जाएगा और मौसम की भविष्यवाणी को और सटीक बनाना संभव होगा। 

एक राडार की 250 किमी क्षेत्र पर नजर 
पर्वतीय क्षेत्र में जो राडार लगेंगे उनकी रेंज सौ किलोमीटर होगी। जबकि मैदानी क्षेत्रों में लगने वाले राडार की रेंज 250 किमी तक होती है। तटीय क्षेत्रों के राडार और शक्तिशाली होते हैं। पर्वतीय क्षेत्र में जो राडार लग रहे हैं वह तीन करोड़ का है, जबकि मैदानी क्षेत्रों वाला छह करोड़ और तटीय क्षेत्रों वाला आठ करोड़ का।

सभी वर्गों का फायदा 
- वार्षिक धार्मिक यात्रा के दौरान लाखों लोगों की मौसम संबंधी आपादा से सुरक्षा सुनिश्चित होगी 
- क्षेत्र में किसानों को भी फायदा होगा, मौसम के सटीक पूर्वानुमान के आधार पर खेती कर सकेंगे
- सुरक्षा और आपदा प्रतिष्ठानों के लिए भी डॉप्लर राडार से मिले आंकड़े उपयोगी साबित होंगे 

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