मंत्री नहीं बनाने से सपा, बसपा और तीन निर्दलीय नाराज
शपथ ग्रहण समारोह का सभी ने बायकॉट किया
भोपाल। सरकार गठन में किंगमेकर की भूमिका निभाने वाले तीन निर्दलीयों और बसपा-सपा के विधायकों का मंत्री बनने का सपना टूट गया। शपथ के पहले आखिरी बार दबाव बनाने के उद्देश्य से सुरेंद्र सिंह ठाकुर उर्फ शेरा, विक्रम सिंह राणा, केदार डावर, बसपा के संजीव सिंह कुशवाह और रामबाई और सपा के राजेश शुक्ला दिन में पलाश होटल में जुटे।
फिर रणनीति बनाकर सभी कमलनाथ के बंगले पर पहुंचे। इस दौरान शेरा की सीएम से हॉट टॉक हो गई। नाथ ने कहा कि पहली बार के किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया जाएगा। इस पर शेरा ने कहा कि हम पर ये लागू नहीं होता। हम निर्दलीय हैं। हम कांग्रेस का सपोर्ट कर रहे हैं, इसलिए हमें सम्मान दिया जाए। कमलनाथ ने सभी को भविष्य में पद देने के लिए आश्वस्त किया। हालांकि इन विधायकों ने नाराजगी के चलते शपथ ग्रहण समारोह का बायकॉट कर दिया।
सिंधिया बोले : आई एम सॉरी
बदनावर से विधायक राजवर्धन दत्तीगांव का नाम मंत्री पद को लेकर दौड़ में आगे रहा, लेकिन जातिगत संतुलन नहीं बनने की वजह से आखिरी समय में नाम कट गया। सिंधिया के एयरपोर्ट पहुंचते ही दत्तीगांव के समर्थक भी पहुंच गए। यहां पर दत्तीगांव सिंधिया के सामने गए तो उन्होंने इतना ही कहा कि सॉरी में मदद नहीं कर पाया।
अलावा नहीं आए, मनावर में दिखाई ताकत
जयस के आंदोलन के बाद कांग्रेस के विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा ने शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे। उन्होंने राहुल गांधी को मंत्री बनाने के लिए पत्र लिखा था। अलावा ने अपनी आदिवासियों में जनाधार दिखाने के लिए रैली का आयोजन किया। मनावर में उन्होंने हजारों समर्थकों की मौजूदगी ढोल-नगाड़ों के साथ रैली निकाली।
नाराज होकर अज्ञातवास पर गए केपी सिंह
पिछोर से विधायक केपी सिंह का मंत्रिमंडल से बाहर होना चौंकाने वाला रहा। केपी सिंह अपना पत्ता कटने के बाद से ही नाराज होकर अज्ञातवास पर चले गए। वे शपथ ग्रहण में नहीं दिखे। नेताओं के फोन तक नहीं उठाए।
पचौरी के हस्तक्षेप से मंत्री बन पाई साधौ
विधानसभा अध्यक्ष के लिए विजयलक्ष्मी साधौ का नाम आगे था। साधौ को जैसे ही अध्यक्ष बनाने के फैसले का पता चला तो उन्होंने वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी से संपर्क किया। आलाकमान को इनकार किया। पचौरी के हस्तक्षेप के बाद साधौ को मंत्रिमंडल में लेना तय हुआ।
केपी सिंह और कंसाना के समर्थक बिफरे
उधर पिछाेर से छह बार के विधायक केपी सिंह और मुरैना की सुमावली से विधायक ऐंदल सिंह कंसाना को मंत्री नहीं बनाए जाने से उनके समर्थक बिफर गए। उन्होंने चक्काजाम कर दिया और कांग्रेस व मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।
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