
हार के बाद बीजेपी में कलह
Friday 14 December 2018
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हार के बाद बीजेपी में कलह नरेंद्र सिंह तोमर पर निशाना
ग्वालियर। विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल में भाजपा की करारी हार पर कलह शुरू हो गई है। इसका ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने की शुरुआत में सबसे पहला निशाना केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर पर लगाया गया है। दिमनी, ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व में भाजपा की हार के लिए तोमर पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखे गए हैं। वहीं शिवराज सरकार में मंत्री रहे जयभान सिंह पवैया ने भी इशारों-इशारों में तोमर पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के बड़े नेता और उनके समर्थक अनुशासन की मर्यादा में रहते तो आज शिवराज सिंह चौहान शपथ ले रहे होते।
पवैया ने गुरुवार को अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने चुनाव में काम कर रहे कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। पवैया ने प्रेस से कहा कि वे पार्टी के जिम्मेदार कार्यकर्ता हैं इसलिए अपनी बात पार्टी फोरम पर करेंगे, लेकिन भितरघात के लिए उन्होंने बिना नाम लिए बड़े नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अंचल में पार्टी की हार के लिए एट्रोसिटी एक्ट और उसके बाद हुए आंदोलन को भी बड़ा कारण बताया।
इधर पार्टी के विशेष आमंत्रित सदस्य अवधेश सिंह भदौरिया ने एक पत्र लिखकर सीधे तोमर पर आरोप लगाए। पत्र में कहा गया है कि उन्होंने अपने बेटों को स्थापित करने के लिए ग्वालियर-चंबल की सीट सहित कई सीटों के लिए कमजोर उम्मीदवार दिए लिहाजा पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। भदौरिया ने पत्र में लिखा कि मुरैना के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से सोची-समझी रणनीति के तहत कमजोर उम्मीदवार दिया गया। इसी तरह ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से जयभान सिंह पवैया को हराने का काम किया गया। भदौरिया ने कहा, ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की माया सिंह और उनके पति ध्यानेंद्र सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी को हराने का काम किया है। उन्होंने पत्र में ऐसे नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
ग्वालियर। विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल में भाजपा की करारी हार पर कलह शुरू हो गई है। इसका ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने की शुरुआत में सबसे पहला निशाना केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर पर लगाया गया है। दिमनी, ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व में भाजपा की हार के लिए तोमर पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखे गए हैं। वहीं शिवराज सरकार में मंत्री रहे जयभान सिंह पवैया ने भी इशारों-इशारों में तोमर पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के बड़े नेता और उनके समर्थक अनुशासन की मर्यादा में रहते तो आज शिवराज सिंह चौहान शपथ ले रहे होते।
पवैया ने गुरुवार को अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने चुनाव में काम कर रहे कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। पवैया ने प्रेस से कहा कि वे पार्टी के जिम्मेदार कार्यकर्ता हैं इसलिए अपनी बात पार्टी फोरम पर करेंगे, लेकिन भितरघात के लिए उन्होंने बिना नाम लिए बड़े नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अंचल में पार्टी की हार के लिए एट्रोसिटी एक्ट और उसके बाद हुए आंदोलन को भी बड़ा कारण बताया।
इधर पार्टी के विशेष आमंत्रित सदस्य अवधेश सिंह भदौरिया ने एक पत्र लिखकर सीधे तोमर पर आरोप लगाए। पत्र में कहा गया है कि उन्होंने अपने बेटों को स्थापित करने के लिए ग्वालियर-चंबल की सीट सहित कई सीटों के लिए कमजोर उम्मीदवार दिए लिहाजा पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। भदौरिया ने पत्र में लिखा कि मुरैना के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से सोची-समझी रणनीति के तहत कमजोर उम्मीदवार दिया गया। इसी तरह ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से जयभान सिंह पवैया को हराने का काम किया गया। भदौरिया ने कहा, ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की माया सिंह और उनके पति ध्यानेंद्र सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी को हराने का काम किया है। उन्होंने पत्र में ऐसे नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
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